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Thursday, October 10, 2013

पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बदला कार्यक्रम

पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की रैली और उसी दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बिहार दौरे को लेकर पैदा हुए विवाद पर विराम लग गया है.
बीजेपी की मांग मानते हुए राष्ट्रपति ने अपना कार्यक्रम बदल दिया है, अब वो सिर्फ 26 अक्टूबर को पटना में होंगे और उसी दिन वापस लौट आएंगे. पहले राष्ट्रपति का बिहार दौरा 26 और 27 अक्टूबर के लिए तय था. राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर को आरा जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
दरअसल, गुरुवार को बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रुडी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और अपील की कि मोदी की रैली के मद्देनजर वे अपना कार्यक्रम बदल दें जिसे राष्ट्रपति ने मान लिया.
मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं ने बताया कि हम अपनी रैली की वजह से राष्ट्रपति को होने वाली दिक्कतों को लेकर चिंतित हैं, जिसके बाद प्रणब मुखर्जी ने हमारी मांग मान ली.
मोदी की रैली के लिए रास्ता साफ होने के बाद शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि एक दिन राष्ट्रपति जा रहे हैं बिहार के दौरे पर तो उसके ठीक अगले ही दिन देश के पीएम इन वेटिंग.'
कार्यक्रम में बदलाव पर जेडीयू की प्रतिक्रिया भी आ गई है. पार्टी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि किसी राजनीतिक रैली के लिए राष्ट्रपति के आधिकारिक दौरे में बदलाव गलत मिसाल पेश करेगा.
क्या था विवाद?
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सुशील मोदी ने ट्वीट किया, 'पहले तो नीतीश कुमार ने मोदी की हुंकार रैली के लिए आधे गांधी मैदान की ही इजाजत दी और फिर जिस दिन मोदी की रैली है उसी दिन राष्ट्रपति को बिहार आने का न्योता दिया है. मोदी ने लिखा है कि 26 और 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना में होंगे.' इन आरोपों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर पलटवार किया और कहा कि बीजेपी पब्लिसिटी के लिए सनसनी फैला रही है. राष्ट्रपति के बिहार दौरे से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.

Tuesday, October 8, 2013

राष्ट्रपति जी, अभी नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं. आप कृपया बाद में आएं , नमो की रैली के लिए बिहार बीजेपी की मांग, अपना पटना दौरा टाल दें राष्ट्रपति

ऐसा लगता है कि बिहार बीजेपी 27 अक्टूबर को पटना में होने वाली नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली को हिट बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, चाहे इसके लिए देश के राष्ट्रपति से उनके बिहार दौरे के कार्यक्रम को बदलने की गुजारिश ही क्यों न करनी पड़े.
पहले पार्टी के एक विधायक ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर गुजारिश की कि मोदी की रैली के मद्देनजर वे अपना बिहार दौरा टाल दें. यह काफी नहीं था, तो अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष सीपी ठाकुर भी इस मुहिम का हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने ने भी प्रणब मुखर्जी से बिहार दौरे के कार्यक्रम बदलने की मांग की है.
दरअसल, 27 अक्टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की रैली है. वहीं, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी 26 और 27 अक्टूबर को पटना में हैं. अब बीजेपी ने राज्य के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.
इस बाबत बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्टठी लिख डाली और विनती की कि मोदी के रैली के मद्देनजर वो अपना दौरा टाल दें.
नितिन नवीन ने आज तक से कहा, 'मैंने राष्ट्रपति को अपना पटना दौरा टालने के लिए चिट्ठी लिखी है ताकि नरेंद्र मोदी की रैली में कोई दिक्कत नहीं आए.'
उनकी चिट्ठी को लेकर पार्टी असहज स्थिति में फंस गई है. हालांकि मुश्किलें सीपी ठाकुर ने भी बढ़ा दी हैं इस मुहिम में शामिल होकर. उनकी भी प्रणब मुखर्जी से यही गुजारिश है कि मोदी की रैली की खातिर वो अपना दौरा टाल दें.
हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के लिए पार्टी के विधायक नितिन नवीन की निंदा भी की. उन्होंने कहा कि अगर नितिन नवीन को राष्ट्रपति के बिहार दौरे पर अपनी बात रखनी थी तो वो सही रास्ता चुनते. वे पहले पार्टी हाईकमान से बात करते.
सुशील मोदी ने कहा, 'मैं मौखिक तौर पर राष्ट्रपति जी से गुजारिश करूंगा कि वे अपना पटना दौरा टालकर नया कार्यक्रम बनाएं. मैं नितिन नवीन की चिट्ठी को खारिज करता हूं. उन्हें ये मुद्दा पार्टी हाईकमान के सामने उठाना चाहिए था.'
ये तो साफ है कि पटना में नमो की रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, चाहे इसके लिए राष्ट्रपति से ही गुहार क्यों न लगानी पड़े. अब देखना ये होगा कि बीजेपी की इस गुजारिश पर प्रणब मुखर्जी क्या करते हैं.