जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि बीजेपी के पीएम
उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना एक भयंकर भूल होगी. उन्होंने थोड़ा
चौंकाते हुए यह भी कहा कि यूपीए सरकार लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही
है.
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस भी यूपीए में शामिल है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए गुरुवार को उमर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूपीए के सहयोगी दलों के लिए नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना मूर्खतापूर्ण होगा, बल्कि एक भयंकर भूल होगी.'
'जम्मू में भी हो सकती है BJP की वापसी '
'मोदी फैक्टर' पर बात करते हुए उमर ने कहा, '6 महीने पहले आप मुझसे पूछते तो मैं कहता कि मोदी फैक्टर का चुनावों पर कोई असर नहीं होने जा रहा. लेकिन अब ऐसा कहना मूर्खतापूर्ण होगा. मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरा है और एक संभावना है कि जम्मू में भी वे (बीजेपी) सत्ता में वापसी कर सकते हैं. जोश से भरे हुए कार्यकर्ता किसी को भी चुनाव जिता सकते हैं और किसी को भी हरा सकते हैं.'
'अपनी ही फांसी के लिए सौंप दी रस्सी'
उमर अब्दुल्ला ने माना कि यूपीए के सहयोगी दल, जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल है, लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा, 'यह मेरी नाकामी है. हमने अपनी ही फांसी के लिए उनके हाथों में रस्सी थमा दी है. यूपीए का हिस्सा होने के नाते मुझ पर भी विकल्प खोजने का दबाव है, लेकिन हमारी नीति है कि अपने संसाधन और शक्तियां अभी बचाकर रखें. मुझे उम्मीद है कि हम ज्यादा समय तक ऐसा नहीं कर पाएंगे.'
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस भी यूपीए में शामिल है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए गुरुवार को उमर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूपीए के सहयोगी दलों के लिए नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना मूर्खतापूर्ण होगा, बल्कि एक भयंकर भूल होगी.'
'जम्मू में भी हो सकती है BJP की वापसी '
'मोदी फैक्टर' पर बात करते हुए उमर ने कहा, '6 महीने पहले आप मुझसे पूछते तो मैं कहता कि मोदी फैक्टर का चुनावों पर कोई असर नहीं होने जा रहा. लेकिन अब ऐसा कहना मूर्खतापूर्ण होगा. मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरा है और एक संभावना है कि जम्मू में भी वे (बीजेपी) सत्ता में वापसी कर सकते हैं. जोश से भरे हुए कार्यकर्ता किसी को भी चुनाव जिता सकते हैं और किसी को भी हरा सकते हैं.'
'अपनी ही फांसी के लिए सौंप दी रस्सी'
उमर अब्दुल्ला ने माना कि यूपीए के सहयोगी दल, जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल है, लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा, 'यह मेरी नाकामी है. हमने अपनी ही फांसी के लिए उनके हाथों में रस्सी थमा दी है. यूपीए का हिस्सा होने के नाते मुझ पर भी विकल्प खोजने का दबाव है, लेकिन हमारी नीति है कि अपने संसाधन और शक्तियां अभी बचाकर रखें. मुझे उम्मीद है कि हम ज्यादा समय तक ऐसा नहीं कर पाएंगे.'







