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Friday, October 11, 2013

भयंकर भूल होगी नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना: उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना एक भयंकर भूल होगी. उन्होंने थोड़ा चौंकाते हुए यह भी कहा कि यूपीए सरकार लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है.

गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कांफ्रेंस भी यूपीए में शामिल है. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए गुरुवार को उमर ने कहा, 'मुझे लगता है कि यूपीए के सहयोगी दलों के लिए नरेंद्र मोदी की अनदेखी करना मूर्खतापूर्ण होगा, बल्कि एक भयंकर भूल होगी.'


'जम्मू में भी हो सकती है BJP की वापसी '
'मोदी फैक्टर' पर बात करते हुए उमर ने कहा, '6 महीने पहले आप मुझसे पूछते तो मैं कहता कि मोदी फैक्टर का चुनावों पर कोई असर नहीं होने जा रहा. लेकिन अब ऐसा कहना मूर्खतापूर्ण होगा. मोदी ने अपने कार्यकर्ताओं में जोश भरा है और एक संभावना है कि जम्मू में भी वे (बीजेपी) सत्ता में वापसी कर सकते हैं. जोश से भरे हुए कार्यकर्ता किसी को भी चुनाव जिता सकते हैं और किसी को भी हरा सकते हैं.'


'अपनी ही फांसी के लिए सौंप दी रस्सी'
उमर अब्दुल्ला ने माना कि यूपीए के सहयोगी दल, जिसमें उनकी पार्टी भी शामिल है, लोगों को विकल्प देने में नाकाम रही है. उन्होंने कहा, 'यह मेरी नाकामी है. हमने अपनी ही फांसी के लिए उनके हाथों में रस्सी थमा दी है. यूपीए का हिस्सा होने के नाते मुझ पर भी विकल्प खोजने का दबाव है, लेकिन हमारी नीति है कि अपने संसाधन और शक्तियां अभी बचाकर रखें. मुझे उम्मीद है कि हम ज्यादा समय तक ऐसा नहीं कर पाएंगे.'

Thursday, October 10, 2013

पटना में नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बदला कार्यक्रम

पटना में 27 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी की रैली और उसी दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बिहार दौरे को लेकर पैदा हुए विवाद पर विराम लग गया है.
बीजेपी की मांग मानते हुए राष्ट्रपति ने अपना कार्यक्रम बदल दिया है, अब वो सिर्फ 26 अक्टूबर को पटना में होंगे और उसी दिन वापस लौट आएंगे. पहले राष्ट्रपति का बिहार दौरा 26 और 27 अक्टूबर के लिए तय था. राष्ट्रपति ने 27 अक्टूबर को आरा जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
दरअसल, गुरुवार को बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन और राजीव प्रताप रुडी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और अपील की कि मोदी की रैली के मद्देनजर वे अपना कार्यक्रम बदल दें जिसे राष्ट्रपति ने मान लिया.
मुलाकात के बाद बीजेपी नेताओं ने बताया कि हम अपनी रैली की वजह से राष्ट्रपति को होने वाली दिक्कतों को लेकर चिंतित हैं, जिसके बाद प्रणब मुखर्जी ने हमारी मांग मान ली.
मोदी की रैली के लिए रास्ता साफ होने के बाद शाहनवाज हुसैन ने कहा, 'यह अच्छी बात है कि एक दिन राष्ट्रपति जा रहे हैं बिहार के दौरे पर तो उसके ठीक अगले ही दिन देश के पीएम इन वेटिंग.'
कार्यक्रम में बदलाव पर जेडीयू की प्रतिक्रिया भी आ गई है. पार्टी नेता वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि किसी राजनीतिक रैली के लिए राष्ट्रपति के आधिकारिक दौरे में बदलाव गलत मिसाल पेश करेगा.
क्या था विवाद?
दरअसल, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. सुशील मोदी ने ट्वीट किया, 'पहले तो नीतीश कुमार ने मोदी की हुंकार रैली के लिए आधे गांधी मैदान की ही इजाजत दी और फिर जिस दिन मोदी की रैली है उसी दिन राष्ट्रपति को बिहार आने का न्योता दिया है. मोदी ने लिखा है कि 26 और 27 अक्टूबर को राष्ट्रपति पटना में होंगे.' इन आरोपों पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी पर पलटवार किया और कहा कि बीजेपी पब्लिसिटी के लिए सनसनी फैला रही है. राष्ट्रपति के बिहार दौरे से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.

नरेंद्र मोदी की तारीफ में बेंगलुरू के सिंगर का बनाया नमो रैप वीडियो हुआ सोशल साइट्स पर वायरल

नमो रैप के वीडियो का एक सीन

नरेंद्र मोदी की तारीफ में बेंगलुरू के रहने वाले गायक सुगावनम कृष्णन ने मोदी रैप के नाम से वीडियो सॉन्ग तैयार किया है. 6 अक्टूबर को वीडियो शेयरिंग साइट यू ट्यूब पर डाला गया यह वीडियो सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर वायरल हो चुका है. इस गाने में मोदी की आम आदमी वाली छवि को मजबूत करने की कवायद की गई है. इस इंग्लिश रैप में कहा गया है कि वह एक आम आदमी थे, जिसने शुरुआत एक चायवाले के तौर पर की. अब हम उन्हें एक विजेता कहते हैं. इस देश की हवा का रुख बदलने वाला कहते हैं.

नमो रैप सुनने के लिए क्लिक करें

अमित शाह ने कहा है कि नरेंद्र मोदी बने प्रधानमंत्री तो उत्तर प्रदेश में होंगे मध्यावधि चुनाव. राहुल पर भी किया हमला

नरेंद्र मोदी बने प्रधानमंत्री, तो यूपी में मध्यावधि चुनाव: अमित शाह

बीजेपी के प्रदेश प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमित शाह का मनना है कि अगले लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सपा के भीतर चल रही अंदरूनी कलह सामने आ जाएगी और अखिलेश यादव की सरकार खुद-ब-खुद गिर जाएगी. इसके बाद यहां पर मध्यावधि चुनाव होंगे.
9 अक्टूबर को इलाहाबाद में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में अमित शाह ने अपने ये विचार रखे. बैठक में कुछ पदाधिकारियों ने सलाह दी कि पार्टी सपा और बीएसपी के खिलाफ हमलावर रुख न दिखाए, इससे वोटर नाराज हो सकते हैं. लेकिन शाह ने इसे सिरे से नकार दिया.
साल 2009 के लोकसभा चुनाव में काशी प्रांत के बीजेपी उम्मीदवारों को एक लाख वोट भी न मिलने का कारण अमित शाह ने पार्टी नेताओं से पूछा. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव राहुल गांधी को 'पप्पू' बताते हुए अमित शाह ने कहा कि 'पप्पू' तो देश को चलाने में फेल हो जाएगा. 'पप्पू' से तो कांग्रेस पाटी भी डर रही है, इसलिए पीएम का उम्मीदवार राहुल गांधी को नहीं बनाया जा रहा है. शाह ने कहा कि 'पप्पू' के बस में देश चलाना नहीं है.
तीन घंटे की बैठक के दौरान अमित शाह ने सपा और कांग्रेस पार्टियों की नाकामियां गिनाकर बीजेपी नेताओं में जोश भरने की भरसक कोशिश की. गुरुवार, 10 अक्टूबर को अमित शाह कानपुर में हैं, जहां से नरेंद्र मोदी यूपी में अपनी रैलियों का आगाज करेंगे. यहां शाह रैली की तैयारियों की समीक्षा करेंगे.

Tuesday, October 8, 2013

नरेंद्र मोदी की तारीफ कर बैठे राहुल-सोनिया के सिपहसलार चिदंबरम...

नरेंद्र मोदी की तारीफ कर बैठे वित्तमंत्री चिदंबरम, कहा- शहरी युवाओं में बढ़ रहा है मोदी का क्रेज

देश के वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि नरेंद्र मोदी का ट्रैक रिकॉर्ड दागदार है. उन्होंने कहा है कि मोदी अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी से बड़े नेता कभी नहीं हो सकते.
बीजेपी के पीएम प्रत्याशी पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में कहा कि मीडिया ने मोदी को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया और उन्हें राष्ट्रीय राजनीतिक मंच पर लाया. ये सब मीडिया का बनाया हुआ है. उन्होंने मोदी के लोकप्रिय होने और विपक्ष में तेजी से उभरने वाले सबसे बड़े नेता की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया.
हालांकि वित्त मंत्री ने कुछ बातों के लिए मोदी की तारीफ भी की. उन्होंने कहा 'मोदी ने बीजेपी के कार्यकर्ताओं को एकजुट किया है. उनसे देश के शहरी युवा बहुत प्रभावित हुए हैं.'
अर्थव्यवस्था की कमजोर होती स्थिति पर उन्होंने कहा कि ये मानना गलत है कि ये सब कांग्रेस पार्टी की वजह से हो रहा है. कांग्रेस से पहले भी सत्ता में गठबंधन सरकारें आई हैं और घोटाले हुए हैं.
गिरते रुपये की स्थिति पर उन्होंने कहा, 'हमें लगता है कि हमारी ओर से संदेश दे दिया गया है. रुपये की स्थिति पर कयास ना लगाए जाएं.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अगले नेता राहुल गांधी होंगे. उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी होगी कि अगर राहुल गांधी पीएम बनते हैं. उन्होंने युवाओं के हाथ में कमान देने का समर्थन किया. उन्होंने कहा, 'वक्त आ गया है कि अब सत्ता युवा पीढ़ी के हाथों में सौंपी जाए.
चिदंबरम अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्वबैंक की सालाना बैठकों में हिस्सा लेने के लिए मंगलवार को अमेरिका रवाना हो रहे हैं.

राष्ट्रपति जी, अभी नरेंद्र मोदी बिहार आ रहे हैं. आप कृपया बाद में आएं , नमो की रैली के लिए बिहार बीजेपी की मांग, अपना पटना दौरा टाल दें राष्ट्रपति

ऐसा लगता है कि बिहार बीजेपी 27 अक्टूबर को पटना में होने वाली नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली को हिट बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है, चाहे इसके लिए देश के राष्ट्रपति से उनके बिहार दौरे के कार्यक्रम को बदलने की गुजारिश ही क्यों न करनी पड़े.
पहले पार्टी के एक विधायक ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर गुजारिश की कि मोदी की रैली के मद्देनजर वे अपना बिहार दौरा टाल दें. यह काफी नहीं था, तो अब पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष सीपी ठाकुर भी इस मुहिम का हिस्सा बन गए हैं. उन्होंने ने भी प्रणब मुखर्जी से बिहार दौरे के कार्यक्रम बदलने की मांग की है.
दरअसल, 27 अक्टूबर को पटना में नरेंद्र मोदी की रैली है. वहीं, राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी भी 26 और 27 अक्टूबर को पटना में हैं. अब बीजेपी ने राज्य के मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार मोदी की हुंकार रैली को रोकने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.
इस बाबत बीजेपी विधायक नितिन नवीन ने तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्टठी लिख डाली और विनती की कि मोदी के रैली के मद्देनजर वो अपना दौरा टाल दें.
नितिन नवीन ने आज तक से कहा, 'मैंने राष्ट्रपति को अपना पटना दौरा टालने के लिए चिट्ठी लिखी है ताकि नरेंद्र मोदी की रैली में कोई दिक्कत नहीं आए.'
उनकी चिट्ठी को लेकर पार्टी असहज स्थिति में फंस गई है. हालांकि मुश्किलें सीपी ठाकुर ने भी बढ़ा दी हैं इस मुहिम में शामिल होकर. उनकी भी प्रणब मुखर्जी से यही गुजारिश है कि मोदी की रैली की खातिर वो अपना दौरा टाल दें.
हालांकि उन्होंने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने के लिए पार्टी के विधायक नितिन नवीन की निंदा भी की. उन्होंने कहा कि अगर नितिन नवीन को राष्ट्रपति के बिहार दौरे पर अपनी बात रखनी थी तो वो सही रास्ता चुनते. वे पहले पार्टी हाईकमान से बात करते.
सुशील मोदी ने कहा, 'मैं मौखिक तौर पर राष्ट्रपति जी से गुजारिश करूंगा कि वे अपना पटना दौरा टालकर नया कार्यक्रम बनाएं. मैं नितिन नवीन की चिट्ठी को खारिज करता हूं. उन्हें ये मुद्दा पार्टी हाईकमान के सामने उठाना चाहिए था.'
ये तो साफ है कि पटना में नमो की रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, चाहे इसके लिए राष्ट्रपति से ही गुहार क्यों न लगानी पड़े. अब देखना ये होगा कि बीजेपी की इस गुजारिश पर प्रणब मुखर्जी क्या करते हैं.

नरेंद्र मोदी की रैली में आएंगे यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव!

अखिलेश यादव को मिलेगा मोदी की रैली में आने का न्योता

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भले ही बीजेपी से दूरी बनाने की बात कह रहे हों लेकिन कानपुर में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी न्योता दिया जाएगा.
19 अक्टूबर को कानपुर के गौतम बुद्घ पार्क में होने वाली मोदी की तैयारियों में जुटे बीजेपी के एक प्रदेश सचिव के मुताबिक राज्यपाल बीएल जोशी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी रैली में आने का आमंत्रण दिया जाएगा.
कानपुर के बीजेपी शहर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि मोदी की रैली के लिए एक लाख कार्ड छपाए जा रहे हैं. ये कार्ड दूसरी पार्टी के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के अलावा आइआइटी के प्रोफेसर, बार एसोसिएशन, एनजीओ, दुर्गा पूजा ओर रामलीला आयोजन समितियों को भेजे जाएंगे. मैदान और मंच की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी को सौंपी गई है.
गौतमबुद्व पार्क में होने वाली रैली के मंच की लंबाई करीब 200 से 250 फीट रखने का प्रस्ताव है. मंच तीन हिस्सों में होगा. बीच वाले मंच से मोदी रैली को संबोधित करेंगे. मैदान पर बड़े पैमाने पर होर्डिंग, बैनर, अटल-आडवाणी सहित अन्य नेताओं के कटआउट लगाए जाएंगे.
मोदी की रैली के लिए कुर्सियों और लाउडस्पीकर की व्यवस्था बड़ा सिरदर्द भी बन गई है. दुर्गापूजा, दशहरा और अन्य त्योहारों के चलते टेंट वालों के यहां सामान नहीं मिल रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई बताते हैं कि रैली स्थल पर कम से कम दो लाख कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी. कुर्सियों और टेंट के लिए लखनऊ, दिल्ली, जयपुर के बड़े शामियाना मालिकों से संपर्क किया गया है.
 भी... http://aajtak.intoday.in/story/bjp-get-invited-to-akhilesh-yadav-in-modis-rally-1-743951.html

नरेंद्र मोदी की रैली में आएंगे यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव!

अखिलेश यादव को मिलेगा मोदी की रैली में आने का न्योता

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव भले ही बीजेपी से दूरी बनाने की बात कह रहे हों लेकिन कानपुर में बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की रैली में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी न्योता दिया जाएगा.
19 अक्टूबर को कानपुर के गौतम बुद्घ पार्क में होने वाली मोदी की तैयारियों में जुटे बीजेपी के एक प्रदेश सचिव के मुताबिक राज्यपाल बीएल जोशी और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी रैली में आने का आमंत्रण दिया जाएगा.
कानपुर के बीजेपी शहर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि मोदी की रैली के लिए एक लाख कार्ड छपाए जा रहे हैं. ये कार्ड दूसरी पार्टी के मंत्रियों, विधायकों, सांसदों के अलावा आइआइटी के प्रोफेसर, बार एसोसिएशन, एनजीओ, दुर्गा पूजा ओर रामलीला आयोजन समितियों को भेजे जाएंगे. मैदान और मंच की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पूर्व विधायक नीरज चतुर्वेदी को सौंपी गई है.
गौतमबुद्व पार्क में होने वाली रैली के मंच की लंबाई करीब 200 से 250 फीट रखने का प्रस्ताव है. मंच तीन हिस्सों में होगा. बीच वाले मंच से मोदी रैली को संबोधित करेंगे. मैदान पर बड़े पैमाने पर होर्डिंग, बैनर, अटल-आडवाणी सहित अन्य नेताओं के कटआउट लगाए जाएंगे.
मोदी की रैली के लिए कुर्सियों और लाउडस्पीकर की व्यवस्था बड़ा सिरदर्द भी बन गई है. दुर्गापूजा, दशहरा और अन्य त्योहारों के चलते टेंट वालों के यहां सामान नहीं मिल रहा है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेई बताते हैं कि रैली स्थल पर कम से कम दो लाख कुर्सियों की व्यवस्था की जाएगी. कुर्सियों और टेंट के लिए लखनऊ, दिल्ली, जयपुर के बड़े शामियाना मालिकों से संपर्क किया गया है.
 भी... http://aajtak.intoday.in/story/bjp-get-invited-to-akhilesh-yadav-in-modis-rally-1-743951.html

गूगल सर्च में भी राहुल गांधी को पछाड़ा नरेंद्र मोदी ने, कांग्रेस पर पड़ी बीजेपी भारी

गूगल सर्च में मोदी नंबर 1

नरेंद्र मोदी सर्च इंजन गूगल पर सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले राजनेता हैं. ये खुलासा गूगल की एक रिपोर्ट में हुआ है. मोदी के बाद राहुल गांधी को दूसरे नंबर पर खोजा जाता हैं. गूगल के एक सर्वे में यह भी सामने आया है कि 40 फीसदी शहरी वोटर्स ने अभी फैसला ही नहीं किया कि वो किस पार्टी को वोट देंगे.
लिस्ट में चार कांग्रेसी और दो भाजपाई
भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेंद्र मोदी भारत में गूगल पर सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले नेता बन गये हैं. यह बात इसी साल मार्च से लेकर अगस्त तक के गूगल सर्च ट्रेंड में सामने आई है. दूसरे नंबर पर हैं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और तीसरे पर हैं उनकी मां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी.
गूगल इंडिया के इंडस्ट्री हेड गौरव कपूर के मुताबिक हमने गूगल सर्च ट्रेंड के आधार पर सबसे ज्यादा खोजे जाने वाले 10 नेताओं की यह लिस्ट जारी की है.कहा जा रहा है कि इंटरनेट अगले चुनावों में अहम रोल अदा करेगा. उसके ट्रेंड को समझने के लिए हमने यह रिपोर्ट तैयार की.
ये रही टॉप 10 नेताओं की लिस्ट पहले से आखिरी के क्रम में
नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, सोनिया गांधी,  मनमोहन सिंह, अरविंद केजरीवाल, जयललिता, अखिलेश यादव, नीतिश कुमार, सुषमा स्वराज और दिग्विजय सिंह.

मोदी की पार्टी भी नंबर वन
अगर राजनैतिक दलों के सर्च ट्रेंड की बात करें, तो यहां भी बीजेपी कांग्रेस पर भारी पड़ती दिखाई दी. बीजेपी को सबसे ज्यादा लोगों ने सर्च किया. दूसरे नंबर पर कांग्रेस है, तो तीसरे नंबर अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप.
गूगल सर्च पर टॉप पांच राजनैतिक दलः बीजेपी, कांग्रेस, आप, बीएसपी, शिव सेना
42 फीसदी वोटर्स ने नहीं किया अपना चुनाव
अगले साल होने वाले आम चुनाव के लिए इंटरनेट पर अभी से सर्च किया जाने लगा है.ये सर्च अभी से पिछले चुनाव में की गई सर्च से 800 फीसदी ज्यादा है.चुनावों में इटरनेट की भूमिका पर ये रिपोर्ट इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस सर्वे में लिए गये सैंपल के मुताबिक 37 फीसदी शहरी रजिस्टर्ड वोटर ऑनलाइन हैं यानि इंटरनेट इस्तेमाल करते हैं.
इस सर्वे में एक और खास बात निकलकर आई है वो ये कि 42 फीसदी वोटर्स ने अभी फैसला ही नहीं किया है कि वे किस पार्टी को वोट देंगे.इसके अलावा ये भी सामने आया है कि वोटर्स के लिए जितना राजनैतिक दल महत्व रखता है उतना ही महत्व लोकल उम्मीदवार भी रखता है. 11 फीसदी लोगों ने ये भी कहा कि राजनैतिक दल का प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी उनके वोट के फैसले का प्रभावित करेगा.
कैसे हुआ ये गूगल इलेक्शन सर्वे
गूगल के इस सर्वे में 108 सीटों में 7000 से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। और अगर इस सर्वे की रिपोर्ट की मानें तो उम्मीदवारों को इंटरनेट पर अपनी मौजूदगी दिखानी ज़रुरी होगी क्योंकि सर्वें में शामिल 45 फीसदी लोग मानते हैं कि वो राजनैतिक दलों के पार्टी में ज्यादा से ज्यादा सूचना ऑनलाइन चाहते हैं जिससे कि वो सही फैसला ले सकें.

गुजरात के मुख्‍यमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी ने पूरे किए 12 साल

नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर यानी कि कल गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर लगातार 12 साल पूरा कर लिए हैं. इस दौरान उन्होंने 'विकास के गुजरात मॉडल' को भुनाने में कामयाबी पाई ही, 2014 के आम चुनावों के लिए बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार बनने में भी सफल हुए.
एक सरकारी विज्ञप्ति के मुताबिक, 'यह एक रिकॉर्ड है. किसी भी मुख्यमंत्री ने लगातार 12 साल तक सेवा नहीं की है.' किसी जमाने में गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने वाले मोदी एक प्रचारक के तौर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए थे और फिर बीजेपी से जुड़े. आरएसएस में प्रचारक की भूमिका निभाने से लेकर अब तक मोदी ने राजनीति में एक लंबा सफर तय किया है.
मोदी ने 2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री पद की कमान संभाली थी. उनसे पहले केशुभाई पटेल राज्य के मुखिया थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद से मोदी लगातार तीन विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर विपक्ष को एक तरीके से हाशिए पर धकेल चुके हैं. साल 2014 के लोकसभा चुनावों के लिए 63 साल के मोदी को पिछले महीने बीजेपी का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया.