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Wednesday, October 9, 2013

उत्तराखंड सरकार ने बांटी 1.5 करोड़ की राहत और विज्ञापन पर फूंके 22 करोड़

उत्तराखंड आपदा के पीड़ितों को अभी मुआवजे भी पूरे नहीं बांटे गए, लेकिन प्रदेश सरकार ने अपनी छवि चमकाने के लिए विज्ञापनों पर ही 22 करोड़ रुपये खर्च कर डाले.
यह हाल तब है, जब आपदा पीड़ितों को सिर्फ 1.5 करोड़ रुपये की राहत ही बांटी गई है और प्रदेश में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य किया जाना है. यानी विजय बहुगुणा सरकार राहत पहुंचाने से ज्यादा अपनी छवि चमकाने में तेजी दिखा रही है.
आपदा के बाद उत्तराखंड बेहद मुश्किल हालात से गुजर रहा है. क्षतिग्रस्त हुए इंफ्रास्ट्रक्चर को नए सिरे से ठीक किया जाना है.

क्षतिग्रस्त पड़ी हैं 250 सड़कें और 150 पुल
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ पूजा पर 1 करोड़ 11 लाख, हेमकुंड पर 56 लाख, यमुनोत्री पर 87 लाख और राष्ट्रीय खाद्य योजना पर 7 करोड़ के विज्ञापन दे डाले.
जबकि केदारघाटी में अब तक राहत और पुनर्वास का काम ठीक से शुरू तक नहीं हो सका है. 250 सड़कें बंद हैं, 150 पुल अभी बनने हैं और सर्दियां आने से हालात और मुश्किल होने वाले हैं.

छवि चमकाने में लगी सरकार
आपदाग्रस्त इलाकों में लोग टेंटो में रहने को मजबूर हैं और मुख्यमंत्री और सरकार अपनी छवि चमकाने में व्यस्त हैं. सरकार चाहती है कि विज्ञापनों के जरिये पूरे देश में यह संदेश जाए कि कांग्रेस सरकार की सरपरस्ती में देवभूमि में सब कुछ सामान्य हो गया है.

पर्यटन बढ़ाने के लिए जरूरी था विज्ञापन: CM
जब इस बारे में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से पूछा गया तो वह बोले, 'विज्ञापनों पर कुल कितना खर्च किया गया, मुझे नहीं पता है. लेकिन आपदा के बारे में देश को जानकारी देने के लिए यह जरूरी था. देश भर के लोग यहां फंसे हुए थे. हमारी अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर आधारित है, इसलिए हमने देश भर के लोगों को मौजूदा स्थिति की जानकारी दी.'
क्या यह छवि चमकाने की कोशिश है, पूछने पर बहुगुणा ने कहा कि हम बस यह बताना चाहते हैं कि कैसे आपदा आई और कैसे लोगों को बचाया गया. यह छवि चमकाने की नीति नहीं है. हमने बस लोगों को जानकारी दी है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनकी छवि कोई नहीं बिगाड़ सकता.

Tuesday, October 8, 2013

विजय बहुगुणा ने बाईस करोड़ रुपये में खरीदा मीडिया…

uttrakhand RTI adv एक तरफ उत्तराखंड आपदा के बाद आपदा पीड़ितों को दी गई राहत के चेक बाउंस हो रहे हैं वहीँ, उत्तराखंड सरकार के मुखिया विजय बहुगुणा ने मीडिया मैनेजमेंट के तहत विभिन्न योजनाओं में बाईस करोड़ सत्ततर लाख रुपये के विज्ञापन बाँट दिए गए और इसमें से दो करोड़ से ज्यादा विज्ञापन राशि सिर्फ मुकेश अम्बानी के मालिकाना हक़ वाले ETV को दे दी गयी.
uttrakhand RTI adv1गौरतलब है कि आपदा के बाद मीडिया पर उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अच्छी खासी किरकिरी हो रही थी, जिसे देखते हुए विजय बहुगुणा ने मीडिया द्वारा पिटी जा रही भद्द रोकने के लिए मीडिया को बेहिसाब विज्ञापन बांटने शुरू कर दिए और इन्हीं विज्ञापनों का नतीजा था कि उत्तराखंड आपदा पर मुखर होकर बोल रहा मीडिया अचानक चुप हो गया.
uttrakhand RTI adv2एक आरटीआई एक्टिविस्ट गुरविंद्र सिंह चढ्ढा द्वारा मांगी गई सूचना पर उत्तराखंड सरकार ने जो सूचनाएं उपलब्ध करवाई है उसने सभी को चौंकाने के साथ साथ मीडिया घरानों की पोल भी खोल दी है.
uttrakhand RTI adv4uttrakhand RTI adv3उत्तराखंड सरकार द्वारा दी गयी सूचना के अनुसार आपदा के बाद सिर्फ एक मद से इटीवी को एक करोड़ अठहतर लाख तेंतीस हज़ार छह सौ पचास, सहारा समय को चालीस लाख बयासी हज़ार आठ सौ पचास, ज़ी न्यूज़ यूपी/उत्तराखंड को छतीस लाख बयासी हज़ार पचास, टीवी 100 को उन्यासी लाख बतीस हज़ार आठ सौ पचास, साधना न्यूज़ को इकसठ लाख बयासी हज़ार आठ सौ पचास, चढ़दीकला टाइम टीवी को उनचालीस लाख बयासी हज़ार पचास, इंडिया न्यूज़ यूपी/उत्तराखंड को सरसठ लाख चोबीस हज़ार चार सौ पचास, जैन टीवी को सरसठ लाख बयासी हज़ार पचास, वॉईस ऑफ़ नेशन को इकसठ लाख बयासी हज़ार, बुलंद न्यूज़ समाचार प्लस को चौवन लाख बयासी हज़ार आठ सौ पचास, इटीवी उर्दू को पच्चीस लाख अठाईस हज़ार आठ सौ पचास, श्री न्यूज़ छह लाख इकानवे हज़ार दो सौ, सी न्यूज़ आठ लाख अठयानबे हज़ार दो सौ, एटूज़ेड को ग्यारह लाख पिच्यासी हज़ार छह सौ, दूरदर्शन को उन्नीस लाख बाईस हज़ार चार सौ, आजतक को इक्कीस लाख अठयासी हज़ार आठ सौ बयालीस, आईबीएन सेवन को चौदह लाख बयालीस हज़ार नौ सौ आठ, एबीपी न्यूज़ को तेईस लाख अड़तीस हज़ार आठ सौ चौरानबे, एनडीटीवी को बारह लाख तेरानबे हज़ार दो सौ दस, इंडिया टीवी को तेयालिस लाख तिरानबे हज़ार सात सौ चौरानबे, न्यूज़ 24 को ग्यारह लाख बावन हज़ार सात सौ बीस, ज़ी न्यूज़ दिल्ली को चौदह लाख इकतालीस हज़ार नौ सौ सरसठ, समय सहारा नेशनल को आठ लाख छियानबे हज़ार सात सौ नब्बे, इंडिया न्यूज़ दिल्ली को बाईस लाख छियालीस हज़ार सात सौ चौरासी, रेडियो मिर्ची जिंगल को एक करोड़ सत्ताईस लाख उनतालीस हज़ार एक सौ बाईस रुपये का विज्ञापन दिया गया.
uttrakhand RTI adv5इसके अलावा केदारनाथ पूजा शुरू होने पर भी इन चैनलों को अलग से विज्ञापन ज़ारी किये गए. सभी मदों को मिला कर कुल तेरह करोड़ उनचास लाख पिचयासी हज़ार चार से अठ्ठासी रुपये इलेक्ट्रोनिक मीडिया को बांटे गए. विज्ञापनों की इस बंदर बाँट में इलेक्ट्रोनिक मीडिया ही नहीं बल्कि प्रिंट मीडिया को भी दिल खोल कर उपकृत किया गया और नौ करोड़ सताईस लाख सतावन हज़ार बाईस रुपये प्रिंट मीडिया को दिए गए.
यहाँ सवाल यह उठता है कि विज्ञापनों के ज़रिये विजय बहुगुणा आखिर किसे राहत पहुंचा रहे थे. क्या इसे आपदा राहत राशि का दुरुपयोग नहीं माना जाये?