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Friday, October 11, 2013

एयरपोर्ट पर हुआ था अंजलि को सचिन से प्यार


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर जोडे़ सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि की मुंबई हवाईअड्डे पर पहली बार आंखें चार हुई थी और उसके बाद तो चार साल तक उनके बीच रोमांस चला था। सचिन और अंजलि की प्रेमकहानी किसी परीकथा से कम नहीं है। अंजलि हालांकि उम्र में कुछ बड़ी हैं लेकिन उनका रोमांस और फिर शादी एक खूबसूरत रूमानी कहानी का उदाहरण है। सचिन ने 1989 में अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन 16 साल के किशोर के रूप में शुरू किया था और 1990 में 17 वर्ष की उम्र में जब वह इंग्लैंड का पहला दौरा कर लौट रहे थे तो मुंबई हवाईअड्डे पर अंजलि ने पहली बार उन्हें देखा था और वह पहचान ही नहीं पाई थी कि यह वह दिग्गज बल्लेबाज है जिसने अपनी शुरुआत से ही दुनिया को सम्मोहित कर दिया है।
अंजलि ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं पहली बार उनसे मुंबई हवाईअड्डे पर मिली थी जब वह इंग्लैंड के दौरे से लौट रहे थे। वास्तव में उस समय तो उन्हें पहचान ही नहीं पाई थी। मैं अपनी मां को लेने हवाईअड्डे गई थी और सचिन भारतीय टीम के साथ लौटे थे। उस समय हमने पहली बार एक-दूसरे को देखा था। सचिन और उस समय पेशे से डॉक्टर अंजलि का लगभग पांच वर्ष तक रोमांस चला और उनकी 1995 में शादी हुई। इससे एक वर्ष पहले उनकी 1994 में न्यूजीलैंड में सगाई हुई थी।
अंजलि ने सचिन के साथ जब डेटिंग पर जाना शुरू किया था तब वह क्रिकेट के बारे में बिल्कुल अंजान थी और वह मानती हैं कि क्रिकेट के उनके इसी अज्ञान की वजह से सचिन उन पर फिदा हो गए थे। अंजलि ने कहा, मुझे लगता है कि सचिन को मेरे अंदर यही बात सबसे ज्यादा पसंद आई कि मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती हूं। लेकिन उसके बाद मैंने क्रिकेट के बारे में सबकुछ पढ़ा। अंजलि ने बेशक उसके बाद क्रिकेट के बारे में सबकुछ जाना मगर उनका यह भी कहना है कि अनुभवी बल्लेबाज घर में क्रिकेट के बारे में कोई बातचीत करना पसंद नहीं करते हैं। चाहे वह हताशा या निराशा से क्यों न गुजर रहे हों। मैं फिर भी उनसे क्रिकेट पर बातचीत करती हूं लेकिन यह खेल पर न होकर उसके साथ जुड़ी अन्य बातों पर होता है।
दरअसल जिस देश में सचिन को क्रिकेट का भगवान समझा जाता है। उनकी पत्नी होने पर वह कैसा दबाव महसूस करती हैं उन्होंने कहा, मेरे लिए अब सबकुछ बहुत आसान है क्योंकि मैं उन्हें 23 वर्षों से जानती और समझती हूं। मैं किसी तरह का कोई दबाव महसूस नहीं करती। अब मैं सब चीजों की अभ्यस्त हो गई हूं। शायद यह इसलिए भी है कि मैंने अपने जीवन में सचिन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं जाना है।
अंजलि ने कहा, लेकिन मैं यह मानती हूं कि उनकी पत्नी होने के कारण न केवल मेरे सामने बल्कि पूरे परिवार और मेरे बच्चों के सामने भी हमेशा कई चुनौतियां रहती हैं। लेकिन हम सबने इनसे निपटना सीख लिया है। अंजलि को अपने पति को सहयोग देने के लिए अपने डॉक्टरी पेशे को छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। अंजलि ने कहा, बेशक मुझे अपने कॉलेज का समय और सरकारी अस्पताल के दिन याद हैं लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मुझे लगा कि सचिन से शादी कर मैं अपना डॉक्टरी जीवन आगे नहीं बढ़ा सकती। यह संभव नहीं था क्योंकि वह लगभग हर बात के लिए मुझपर निर्भर थे। यह सिर्फ और सिर्फ मेरा फैसला था। मैंने सोचा था कि मैं उनके साथ घर पर रहूं और उनके लिए सबकुछ ठीक-ठाक रखूं।
उन्होंने कहा, सचिन के बचपन में उनके भाई अजीत उनकी हर बात का ख्याल रखते थे और बाद में मैंने भी सोचा कि मुझे भी वही करना है। डॉक्टरी के पेशे में दोनों चीजों के साथ संतुलन बिठाना संभव नहीं हो पाता। अंजलि को यह भी याद है कि सचिन की प्रसिद्धि हमेशा उनके सामान्य व्यक्ति की तरह समय गुजारने के आडे़ आई।
उन्होंने एक वाकया याद करते हुए बताया, जब मैं पढ़ रही थी तब मैं, सचिन और कुछ दोस्त 'रोजा' फिल्म देखने गए थे। सचिन को कोई पहचान न सके इसलिए उन्होंने दाढ़ी लगाई और चश्मा भी पहना। हमने फिल्म का पहला हाफ देख लिया था लेकिन इंटरवल में सचिन अपना चश्मा गिरा बैठे और लोगों ने उन्हें तत्काल पहचान लिया। उस समय हमारे लिए शर्मिंदगी जैसी स्थिति बन गई और हम तुरंत वहां से खिसक लिए।

एयरपोर्ट पर हुआ था अंजलि को सचिन से प्यार


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर जोडे़ सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि की मुंबई हवाईअड्डे पर पहली बार आंखें चार हुई थी और उसके बाद तो चार साल तक उनके बीच रोमांस चला था। सचिन और अंजलि की प्रेमकहानी किसी परीकथा से कम नहीं है। अंजलि हालांकि उम्र में कुछ बड़ी हैं लेकिन उनका रोमांस और फिर शादी एक खूबसूरत रूमानी कहानी का उदाहरण है। सचिन ने 1989 में अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन 16 साल के किशोर के रूप में शुरू किया था और 1990 में 17 वर्ष की उम्र में जब वह इंग्लैंड का पहला दौरा कर लौट रहे थे तो मुंबई हवाईअड्डे पर अंजलि ने पहली बार उन्हें देखा था और वह पहचान ही नहीं पाई थी कि यह वह दिग्गज बल्लेबाज है जिसने अपनी शुरुआत से ही दुनिया को सम्मोहित कर दिया है।
अंजलि ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं पहली बार उनसे मुंबई हवाईअड्डे पर मिली थी जब वह इंग्लैंड के दौरे से लौट रहे थे। वास्तव में उस समय तो उन्हें पहचान ही नहीं पाई थी। मैं अपनी मां को लेने हवाईअड्डे गई थी और सचिन भारतीय टीम के साथ लौटे थे। उस समय हमने पहली बार एक-दूसरे को देखा था। सचिन और उस समय पेशे से डॉक्टर अंजलि का लगभग पांच वर्ष तक रोमांस चला और उनकी 1995 में शादी हुई। इससे एक वर्ष पहले उनकी 1994 में न्यूजीलैंड में सगाई हुई थी।
अंजलि ने सचिन के साथ जब डेटिंग पर जाना शुरू किया था तब वह क्रिकेट के बारे में बिल्कुल अंजान थी और वह मानती हैं कि क्रिकेट के उनके इसी अज्ञान की वजह से सचिन उन पर फिदा हो गए थे। अंजलि ने कहा, मुझे लगता है कि सचिन को मेरे अंदर यही बात सबसे ज्यादा पसंद आई कि मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती हूं। लेकिन उसके बाद मैंने क्रिकेट के बारे में सबकुछ पढ़ा। अंजलि ने बेशक उसके बाद क्रिकेट के बारे में सबकुछ जाना मगर उनका यह भी कहना है कि अनुभवी बल्लेबाज घर में क्रिकेट के बारे में कोई बातचीत करना पसंद नहीं करते हैं। चाहे वह हताशा या निराशा से क्यों न गुजर रहे हों। मैं फिर भी उनसे क्रिकेट पर बातचीत करती हूं लेकिन यह खेल पर न होकर उसके साथ जुड़ी अन्य बातों पर होता है।
दरअसल जिस देश में सचिन को क्रिकेट का भगवान समझा जाता है। उनकी पत्नी होने पर वह कैसा दबाव महसूस करती हैं उन्होंने कहा, मेरे लिए अब सबकुछ बहुत आसान है क्योंकि मैं उन्हें 23 वर्षों से जानती और समझती हूं। मैं किसी तरह का कोई दबाव महसूस नहीं करती। अब मैं सब चीजों की अभ्यस्त हो गई हूं। शायद यह इसलिए भी है कि मैंने अपने जीवन में सचिन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं जाना है।
अंजलि ने कहा, लेकिन मैं यह मानती हूं कि उनकी पत्नी होने के कारण न केवल मेरे सामने बल्कि पूरे परिवार और मेरे बच्चों के सामने भी हमेशा कई चुनौतियां रहती हैं। लेकिन हम सबने इनसे निपटना सीख लिया है। अंजलि को अपने पति को सहयोग देने के लिए अपने डॉक्टरी पेशे को छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। अंजलि ने कहा, बेशक मुझे अपने कॉलेज का समय और सरकारी अस्पताल के दिन याद हैं लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मुझे लगा कि सचिन से शादी कर मैं अपना डॉक्टरी जीवन आगे नहीं बढ़ा सकती। यह संभव नहीं था क्योंकि वह लगभग हर बात के लिए मुझपर निर्भर थे। यह सिर्फ और सिर्फ मेरा फैसला था। मैंने सोचा था कि मैं उनके साथ घर पर रहूं और उनके लिए सबकुछ ठीक-ठाक रखूं।
उन्होंने कहा, सचिन के बचपन में उनके भाई अजीत उनकी हर बात का ख्याल रखते थे और बाद में मैंने भी सोचा कि मुझे भी वही करना है। डॉक्टरी के पेशे में दोनों चीजों के साथ संतुलन बिठाना संभव नहीं हो पाता। अंजलि को यह भी याद है कि सचिन की प्रसिद्धि हमेशा उनके सामान्य व्यक्ति की तरह समय गुजारने के आडे़ आई।
उन्होंने एक वाकया याद करते हुए बताया, जब मैं पढ़ रही थी तब मैं, सचिन और कुछ दोस्त 'रोजा' फिल्म देखने गए थे। सचिन को कोई पहचान न सके इसलिए उन्होंने दाढ़ी लगाई और चश्मा भी पहना। हमने फिल्म का पहला हाफ देख लिया था लेकिन इंटरवल में सचिन अपना चश्मा गिरा बैठे और लोगों ने उन्हें तत्काल पहचान लिया। उस समय हमारे लिए शर्मिंदगी जैसी स्थिति बन गई और हम तुरंत वहां से खिसक लिए।

एयरपोर्ट पर हुआ था अंजलि को सचिन से प्यार


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर जोडे़ सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि की मुंबई हवाईअड्डे पर पहली बार आंखें चार हुई थी और उसके बाद तो चार साल तक उनके बीच रोमांस चला था। सचिन और अंजलि की प्रेमकहानी किसी परीकथा से कम नहीं है। अंजलि हालांकि उम्र में कुछ बड़ी हैं लेकिन उनका रोमांस और फिर शादी एक खूबसूरत रूमानी कहानी का उदाहरण है। सचिन ने 1989 में अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन 16 साल के किशोर के रूप में शुरू किया था और 1990 में 17 वर्ष की उम्र में जब वह इंग्लैंड का पहला दौरा कर लौट रहे थे तो मुंबई हवाईअड्डे पर अंजलि ने पहली बार उन्हें देखा था और वह पहचान ही नहीं पाई थी कि यह वह दिग्गज बल्लेबाज है जिसने अपनी शुरुआत से ही दुनिया को सम्मोहित कर दिया है।
अंजलि ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं पहली बार उनसे मुंबई हवाईअड्डे पर मिली थी जब वह इंग्लैंड के दौरे से लौट रहे थे। वास्तव में उस समय तो उन्हें पहचान ही नहीं पाई थी। मैं अपनी मां को लेने हवाईअड्डे गई थी और सचिन भारतीय टीम के साथ लौटे थे। उस समय हमने पहली बार एक-दूसरे को देखा था। सचिन और उस समय पेशे से डॉक्टर अंजलि का लगभग पांच वर्ष तक रोमांस चला और उनकी 1995 में शादी हुई। इससे एक वर्ष पहले उनकी 1994 में न्यूजीलैंड में सगाई हुई थी।
अंजलि ने सचिन के साथ जब डेटिंग पर जाना शुरू किया था तब वह क्रिकेट के बारे में बिल्कुल अंजान थी और वह मानती हैं कि क्रिकेट के उनके इसी अज्ञान की वजह से सचिन उन पर फिदा हो गए थे। अंजलि ने कहा, मुझे लगता है कि सचिन को मेरे अंदर यही बात सबसे ज्यादा पसंद आई कि मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती हूं। लेकिन उसके बाद मैंने क्रिकेट के बारे में सबकुछ पढ़ा। अंजलि ने बेशक उसके बाद क्रिकेट के बारे में सबकुछ जाना मगर उनका यह भी कहना है कि अनुभवी बल्लेबाज घर में क्रिकेट के बारे में कोई बातचीत करना पसंद नहीं करते हैं। चाहे वह हताशा या निराशा से क्यों न गुजर रहे हों। मैं फिर भी उनसे क्रिकेट पर बातचीत करती हूं लेकिन यह खेल पर न होकर उसके साथ जुड़ी अन्य बातों पर होता है।
दरअसल जिस देश में सचिन को क्रिकेट का भगवान समझा जाता है। उनकी पत्नी होने पर वह कैसा दबाव महसूस करती हैं उन्होंने कहा, मेरे लिए अब सबकुछ बहुत आसान है क्योंकि मैं उन्हें 23 वर्षों से जानती और समझती हूं। मैं किसी तरह का कोई दबाव महसूस नहीं करती। अब मैं सब चीजों की अभ्यस्त हो गई हूं। शायद यह इसलिए भी है कि मैंने अपने जीवन में सचिन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं जाना है।
अंजलि ने कहा, लेकिन मैं यह मानती हूं कि उनकी पत्नी होने के कारण न केवल मेरे सामने बल्कि पूरे परिवार और मेरे बच्चों के सामने भी हमेशा कई चुनौतियां रहती हैं। लेकिन हम सबने इनसे निपटना सीख लिया है। अंजलि को अपने पति को सहयोग देने के लिए अपने डॉक्टरी पेशे को छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। अंजलि ने कहा, बेशक मुझे अपने कॉलेज का समय और सरकारी अस्पताल के दिन याद हैं लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मुझे लगा कि सचिन से शादी कर मैं अपना डॉक्टरी जीवन आगे नहीं बढ़ा सकती। यह संभव नहीं था क्योंकि वह लगभग हर बात के लिए मुझपर निर्भर थे। यह सिर्फ और सिर्फ मेरा फैसला था। मैंने सोचा था कि मैं उनके साथ घर पर रहूं और उनके लिए सबकुछ ठीक-ठाक रखूं।
उन्होंने कहा, सचिन के बचपन में उनके भाई अजीत उनकी हर बात का ख्याल रखते थे और बाद में मैंने भी सोचा कि मुझे भी वही करना है। डॉक्टरी के पेशे में दोनों चीजों के साथ संतुलन बिठाना संभव नहीं हो पाता। अंजलि को यह भी याद है कि सचिन की प्रसिद्धि हमेशा उनके सामान्य व्यक्ति की तरह समय गुजारने के आडे़ आई।
उन्होंने एक वाकया याद करते हुए बताया, जब मैं पढ़ रही थी तब मैं, सचिन और कुछ दोस्त 'रोजा' फिल्म देखने गए थे। सचिन को कोई पहचान न सके इसलिए उन्होंने दाढ़ी लगाई और चश्मा भी पहना। हमने फिल्म का पहला हाफ देख लिया था लेकिन इंटरवल में सचिन अपना चश्मा गिरा बैठे और लोगों ने उन्हें तत्काल पहचान लिया। उस समय हमारे लिए शर्मिंदगी जैसी स्थिति बन गई और हम तुरंत वहां से खिसक लिए।

एयरपोर्ट पर हुआ था अंजलि को सचिन से प्यार


नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर जोडे़ सचिन तेंदुलकर और उनकी पत्नी अंजलि की मुंबई हवाईअड्डे पर पहली बार आंखें चार हुई थी और उसके बाद तो चार साल तक उनके बीच रोमांस चला था। सचिन और अंजलि की प्रेमकहानी किसी परीकथा से कम नहीं है। अंजलि हालांकि उम्र में कुछ बड़ी हैं लेकिन उनका रोमांस और फिर शादी एक खूबसूरत रूमानी कहानी का उदाहरण है। सचिन ने 1989 में अपना अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट जीवन 16 साल के किशोर के रूप में शुरू किया था और 1990 में 17 वर्ष की उम्र में जब वह इंग्लैंड का पहला दौरा कर लौट रहे थे तो मुंबई हवाईअड्डे पर अंजलि ने पहली बार उन्हें देखा था और वह पहचान ही नहीं पाई थी कि यह वह दिग्गज बल्लेबाज है जिसने अपनी शुरुआत से ही दुनिया को सम्मोहित कर दिया है।
अंजलि ने एक साक्षात्कार में कहा, मैं पहली बार उनसे मुंबई हवाईअड्डे पर मिली थी जब वह इंग्लैंड के दौरे से लौट रहे थे। वास्तव में उस समय तो उन्हें पहचान ही नहीं पाई थी। मैं अपनी मां को लेने हवाईअड्डे गई थी और सचिन भारतीय टीम के साथ लौटे थे। उस समय हमने पहली बार एक-दूसरे को देखा था। सचिन और उस समय पेशे से डॉक्टर अंजलि का लगभग पांच वर्ष तक रोमांस चला और उनकी 1995 में शादी हुई। इससे एक वर्ष पहले उनकी 1994 में न्यूजीलैंड में सगाई हुई थी।
अंजलि ने सचिन के साथ जब डेटिंग पर जाना शुरू किया था तब वह क्रिकेट के बारे में बिल्कुल अंजान थी और वह मानती हैं कि क्रिकेट के उनके इसी अज्ञान की वजह से सचिन उन पर फिदा हो गए थे। अंजलि ने कहा, मुझे लगता है कि सचिन को मेरे अंदर यही बात सबसे ज्यादा पसंद आई कि मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती हूं। लेकिन उसके बाद मैंने क्रिकेट के बारे में सबकुछ पढ़ा। अंजलि ने बेशक उसके बाद क्रिकेट के बारे में सबकुछ जाना मगर उनका यह भी कहना है कि अनुभवी बल्लेबाज घर में क्रिकेट के बारे में कोई बातचीत करना पसंद नहीं करते हैं। चाहे वह हताशा या निराशा से क्यों न गुजर रहे हों। मैं फिर भी उनसे क्रिकेट पर बातचीत करती हूं लेकिन यह खेल पर न होकर उसके साथ जुड़ी अन्य बातों पर होता है।
दरअसल जिस देश में सचिन को क्रिकेट का भगवान समझा जाता है। उनकी पत्नी होने पर वह कैसा दबाव महसूस करती हैं उन्होंने कहा, मेरे लिए अब सबकुछ बहुत आसान है क्योंकि मैं उन्हें 23 वर्षों से जानती और समझती हूं। मैं किसी तरह का कोई दबाव महसूस नहीं करती। अब मैं सब चीजों की अभ्यस्त हो गई हूं। शायद यह इसलिए भी है कि मैंने अपने जीवन में सचिन के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को नहीं जाना है।
अंजलि ने कहा, लेकिन मैं यह मानती हूं कि उनकी पत्नी होने के कारण न केवल मेरे सामने बल्कि पूरे परिवार और मेरे बच्चों के सामने भी हमेशा कई चुनौतियां रहती हैं। लेकिन हम सबने इनसे निपटना सीख लिया है। अंजलि को अपने पति को सहयोग देने के लिए अपने डॉक्टरी पेशे को छोड़ने का कोई अफसोस नहीं है। अंजलि ने कहा, बेशक मुझे अपने कॉलेज का समय और सरकारी अस्पताल के दिन याद हैं लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब मुझे लगा कि सचिन से शादी कर मैं अपना डॉक्टरी जीवन आगे नहीं बढ़ा सकती। यह संभव नहीं था क्योंकि वह लगभग हर बात के लिए मुझपर निर्भर थे। यह सिर्फ और सिर्फ मेरा फैसला था। मैंने सोचा था कि मैं उनके साथ घर पर रहूं और उनके लिए सबकुछ ठीक-ठाक रखूं।
उन्होंने कहा, सचिन के बचपन में उनके भाई अजीत उनकी हर बात का ख्याल रखते थे और बाद में मैंने भी सोचा कि मुझे भी वही करना है। डॉक्टरी के पेशे में दोनों चीजों के साथ संतुलन बिठाना संभव नहीं हो पाता। अंजलि को यह भी याद है कि सचिन की प्रसिद्धि हमेशा उनके सामान्य व्यक्ति की तरह समय गुजारने के आडे़ आई।
उन्होंने एक वाकया याद करते हुए बताया, जब मैं पढ़ रही थी तब मैं, सचिन और कुछ दोस्त 'रोजा' फिल्म देखने गए थे। सचिन को कोई पहचान न सके इसलिए उन्होंने दाढ़ी लगाई और चश्मा भी पहना। हमने फिल्म का पहला हाफ देख लिया था लेकिन इंटरवल में सचिन अपना चश्मा गिरा बैठे और लोगों ने उन्हें तत्काल पहचान लिया। उस समय हमारे लिए शर्मिंदगी जैसी स्थिति बन गई और हम तुरंत वहां से खिसक लिए।