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Thursday, October 10, 2013

पढ़ें उस विषकन्या की कहानी, जो सत्संग में लड़कियों को चुनकर आसाराम तक पहुंचाया करती थी

आसाराम की 'विषकन्या' भारती की कहानी

ये हैं आसाराम की विषकन्या
 
आसाराम और नारायण साईं के काले कारनामों की अनगिनत परतें हैं. लेकिन आखिर आसराम की बेटी भारती कैसे प्रवचन करते-करते आसाराम की कथित काली दुनिया में फंस गई. आसाराम की संगत में चंबल के कितने डाकू सुधरे, इसका तो कोई ब्योरा नहीं है लेकिन हर रोज उन लड़कियों की नई फेहरिस्त जरूर सामने आ रही है जिनका इल्जाम है कि आसाराम की संगत ने उन्हें बर्बाद कर दिया.
भारती आसाराम की भक्ति के साम्राज्य की एक अहम कड़ी भी है. आसाराम पर रेप और यौन शोषण का इल्जाम लगने से पहले लोग भारती को एक कुशल ओजस्वी वक्ता और प्रवचनों में अपने गायन से लोगों को मंत्र मुग्ध करने वाली आध्यात्मिक शख्सियत के रूप में जानते थे.
लेकिन, वक्त बदल चुका है. आसाराम का मायाजाल टूटा तो उनकी बेटी भारती द्वारा खड़ा किया गया भ्रमजाल भी दरकने लगा. आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर रेप और यौन शोषण का इल्जाम लगाने वाली उन्हीं के आश्रम की पूर्व अनुयायियों ने भारती की नयी पहचान से दुनिया को रूबरू कराया है.
भारती पर आरोप
क्या है भारती की नई पहचान कुछ लड़कियों ने उजागर की है. पीड़िता लड़कियों ने बताया कि वो लड़कियों को गाड़ी में बैठाकर छोड़ने जाती थी ओर लेकर भी आती थी.
क्या भारती पहेरेदारी भी करती थी? इस सवाल के जवाब में पीड़िता ने कहा भारती को जैसे बोला जाता था वैसा वो करती थीं, रुकने के लिये बोला जाए तो रुकती भी थीं.
लक्ष्मी कि क्या भूमिका थी? इस सवाल के जवाब में पीड़िता ने कहा 'वो लड़िकयों को आश्रम से भेजती थी, बापू उन्हें बोलते थे आज उसे भेजना है, आज उसे भेजना है.'
एक पूर्व साधक अमृत प्रजापति ने आरोप लगाया कि आसाराम भारती को फोन करता था, वो गाड़ी से लड़कियां लाती थी.
यानी भारती और उसकी मां आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के कथित सेक्स रैकेट में कड़ी का काम करती थीं. दोनों उनके लिए लड़कियों को तैयार करती थीं. मां-बेटी की जोड़ी लड़कियों के मन में ये बैठाने का काम करती थी कि आसाराम और नारायण साईं उनका कल्याण कर रहे हैं.
अमृत प्रजापति ने कहा, 'जब लड़कियां बोलती थीं कि गंदा काम हो गया तो दूसरी लड़कियां और लक्ष्मी समझ जाती थी कि ये तो तेरी काया का कल्याण हो गया.'
फरार है भारती
सूरत की बहनों ने जब खुद भारती पर सनसनीखेज इल्जाम लगाए तो वो कहीं नजर नहीं आ रहीं. बताया जाता है कि वो फरार हैं. बेशक अभी पूरे मामले पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है लेकिन उनकी फरारी उनके भक्तों में शक पैदा करती है. आखिर एक सच्चे व्यक्ति के पास आरोपों का सामना करने की हिम्मत तो होनी ही चाहिए.
आसाराम के कारोबार में कैसे फंसी भारतीआखिर भारती आसाराम के भक्ति के कारोबार से कैसे जुड़ गई? भारती क्या करती थी कि उसके इशारों पर लड़कियां आसाराम और नारायण साईं के पास जाने के लिए तैयार हो जाती थीं, जैसा कि कुछ लड़कियां इल्जाम लगा रही हैं.
सत्तर के दशक में आसाराम बापू ने का साम्राज्य आध्यात्म खड़ा किया था. फिर आसाराम की भक्ति के कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए उनके बेटे नारायण साईं आ गए. आसाराम के कुनबे के लिए शायद इतना ही काफी नहीं था. जल्द ही आसाराम की बेटी और नारायण साईं की बहन भारती भी कथित आध्यात्म के साम्राज्य से जुड़ गईं.
आसाराम के साधकों के बीच भारती श्रीजी के नाम से जानी जाती हैं. वो जगह-जगह प्रवचन करतीं. आसाराम के भक्तों की माने तो भारती का प्रवचन बेहद सम्मोहित करने वाला होता था.
15 दिसंबर 1975 को जन्मी भारती ने महज 12 साल की उम्र में दीक्षा ली थी. फिर चौदह साल तक ध्यान और योग किया और लगाने लगीं दरबार. बताया जाता है कि भारती एम कॉम तक पढ़ी हैं.
लेकिन भारती का जीवन हमेशा से ऐसा नहीं था. आम महिलाओं की तरह उन्होंने भी अपनी गृहस्थी बसाने की कोशिश की थी. 1997 में भारती की शादी डॉक्टर हेमंत से हुई थी. सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन बताया जाता है कि भारती के परिवार में आसाराम जरूरत से ज्यादा दखल देने लगे थे, लिहाजा भारती और हेमंत के रिश्तों में तनाव आता गया और नतीजा तलाक के रूप में सामने आया. हेमंत इस समय विदेश में बताए जाते हैं.
चूंकि भारती का घर आसाराम की वजह से उजड़ा था लिहाजा वो दोबारा पिता की शरण में आ गईं. पहले उन्हें महिला आश्रमों की कमान सौंपी गई और फिर प्रवचन का जिम्मा.
हालांकि, आसाराम से अलग हो चुके साधक और आसाराम पर इल्जाम लगाने वाले कुछ और कहानियां कहते हैं. इनके मुताबिक भारती का असली रोल सत्संग से लड़कियों का चुनाव करना है. ये लड़कियां फिर आसाराम तक पहुंचाई जाती हैं.
लोगों को भक्ति और आध्यात्मिक मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने वाली महिला गंदगी के गहरे दल-दल में धंसी हुई थी और अब तक भक्ति के सम्मोहन में किसी को पता भी नहीं चला? ये महज आरोप हैं या हकीकत, इस पर जांच पूरी होने से पहले तो कुछ कहना मुश्किल है, लेकिन इतना जरूर कहा जाता है कि आस्था की एक दीवार गिरी है. भरोसा का मंदिर टूटा है, जिसमें कभी आसाराम और नारायण साईं के साथ भारती भी देवी के रूप में सुसज्जित हुआ करती थी.