सचिन तेंदुलकर
मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट के 'भगवान' की संज्ञा तक मिल
चुकी है. सचिन की अगर सर्वश्रेष्ठ पारियां चुननी हो तो ये आसान काम नहीं
होगा, क्योंकि अपने 24 साल के करियर में सचिन ने तमाम ऐसी पारियां खेली
हैं, जो टीम इंडिया को मुश्किलों से उबार कर जीत तक ले गई हैं. जब भी सचिन
अपनी फॉर्म को लेकर आलोचकों ने निशाने पर आए उन्होंने हमेशा जवाब अपने
बल्ले से ही दिया. 1989 में मुंबई के इस लड़के ने अपना करियर शुरू किया और
इसी के साथ शुरू हुआ क्रिकेट का एक नया युग, जिसका नाम था 'सचिन तेंदुलकर'.
टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने 15 हजार रनों का आंकड़ा पार किया है और 51
सेंचुरी जड़ी हैं.
सचिन तेंदुलकर की टॉप 5 टेस्ट पारियां...57 रनों की पारीः India vs Pakistan, दिसंबर 1989
टीम इंडिया का चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान और उसके तीन खतरनाक तेज गेंदबाज वसीम अकरम, इमरान खान और वकार यूनिस. क्रिकेट जगत के इन तीन तेज गेंदबाजों की तिकड़ी के सामने था 16 साल का एक लड़का. सचिन ने इस मैच की दूसरी पारी में 57 रनों की पारी खेली थी, मैच ड्रॉ हुआ था. कहते हैं ना पूत के पांव पालने से दिखाई देते हैं, सचिन के लिए ये कहावत बिल्कुल सही है. सचिन ने इस मैच में अपनी छोटी सी पारी से दिखा दिया था कि उन्हें क्रिकेट जगत में लंबा रास्ता तय करना है. इस मैच में सचिन को चोट तक आई थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इन तीनों गेंदबाजों का डट कर सामना किया था. 134 गेंदों का सामना करते हुए सचिन ने 6 चौकों की मदद से बनाए थे 57 रन.
119 रनों की पारीः India vs England, अगस्त 1990
टेस्ट क्रिकेट में सचिन ने अपने 9वें मैच में पहली सेंचुरी जड़ी थी. सचिन की उम्र महज 17 साल थी और इंग्लैंड ने ग्राहम गूच, माइक आर्थटन, एलन लैंब और रॉबिन स्मिथ की सेंचुरी की मदद से भारत के सामने मैच के आखिरी दिन 408 रनों का नामुमकिन सा लक्ष्य रखा था. टीम इंडिया के ऊपर हार का खतरा मंडरा रहा था, 183 रनों तक भारत के 6 विकेट गिर चुके थे और नवजोत सिद्धू, रवि शास्त्री, संजय मांजरेकर, दिलीप वेंगसरकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और कपिल देव सभी पवेलियन लौट चुके थे. सचिन ने मनोज प्रभाकर के साथ मिलकर टीम को हार के मुंह से निकाला था. नाबाद रहते हुए मास्टर ब्लास्टर ने बनाए थे 119 रन और इस दौरान उन्होंने 189 गेंदों का सामना किया था और 17 चौके जड़े थे.
114 रनों की पारीः Australia v India, फरवरी 1992
इस मैच में भारत को 300 रनों की करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी, लेकिन ये शिकस्त और भी शर्मनाक होती अगर मास्टर ब्लास्टर के बल्ले से ये अहम पारी नहीं निकलती तो. पर्थ के तेज विकेट पर जहां बाकी भारतीय बल्लेबाजों के लिए 30 रनों तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा था, वहीं सचिन ने सेंचुरी जड़ी थी. सचिन ने क्रेग मैकडेरमॉट और मर्व ह्यूज की गेंदों पर दमदार शॉट जड़े थे. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 346 रन बनाए और जवाब में टीम इंडिया 159 रनों तक 8 विकेट गंवा चुकी थी, सचिन ने किरन मोरे के साथ मिलकर भारत का स्कोर 200 के पार तक पहुंचाया था. सचिन ने इस दौरान 161 गेंदों का सामना करते हुए 16 चौके जड़े थे.
155 रनों की पारीः India v Australia, मार्च 1998
चेन्नई के चेपक स्टेडियम पर खेली गई इस पारी ने मैच का रुख बदल दिया था. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया 257 रनों पर ही सिमट गई थी और ऑस्ट्रेलिया ने जवाब में बना डाले थे 328 रन. अब भारत के ऊपर दूसरी पारी में ज्यादा रन बनाने का दबाव था. अच्छी शुरुआत मिली और सचिन ने इस शुरुआत को ठोस लक्ष्य में तब्दील किया. राहुल द्रविड़ और मोहम्मद अजहरुद्दीन के साथ मिलकर सचिन ने शतकीय साझेदारियां निभाईं. सचिन ने 191 गेंदों पर 14 चौके 4 छक्के की मदद से 155 रन ठोक डाले थे. इस नाबाद पारी ने कंगारुओं की मुश्किल बहुत बढ़ा दी थी. भारत ने 418 रनों पर पारी घोषित की और ऑस्ट्रेलियाई टीम 168 रनों पर सिमट गई थी. इस तरह से टीम इंडिया ने ये मैच 179 रनों से अपने नाम कर लिया था.
194 रनों की पारीः Pakistan v India, अप्रैल 2004
मुल्तान क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए इस मैच को वैसे तो वीरेंद्र सहवाग की 309 रनों की पारी के लिए याद किया जाता है. लेकिन वीरू के साथ सचिन ने भी इस मैच में गजब की बल्लेबाजी की थी. वीरू का बल्ला आग उगल रहा था तो सचिन दूसरे छोर पर मजबूत चट्टान की तरह डटे हुए थे. सचिन ने 194 रनों की पारी खेली थी और सहवाग के साथ 336 रनों की साझेदारी भी निभाई थी. भारत ने इस मैच में एक पारी और 52 रनों से जीत दर्ज की थी.

