जोधपुर। आसाराम की जमानत की सारी उम्मीदें जब समाप्त हो गईं थी तब
सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने काबिल वकील राम जेठमलानी ने उन्हें जमानत
दिलाने का जिम्मा लिया था। राम जेठमलानी ने राजस्थान हाईकोर्ट से आसाराम
की जमानत मांगी थी। मगर नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में घिरे
आसाराम बापू को आज हाईकोर्ट ने करारा झटका दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने
आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी है। इससे पहले कल यानी कि सोमवार को
जोधपुर जिला अदालत ने भी आसाराम को राहत नहीं दी थी।
सोमवार को स्थानीय अदालत ने आसाराम बापू और उनके कुकर्मों में बराबर का
भागीदारी शिवा की न्यायिक हिरासत 11 अक्टूबर तक के लिये बढ़ा दी थी।
हाईकोर्ट में आसाराम की तरफ से दलील पेश करते हुए रामजेठ मलानी ने कहा कि
लड़की शान-ओ-शौकत की जिंदगी जीना चाहती थी इसलिये उसने आसाराम को फंसाने की
साजिश रची। वहीं पीडि़ता पक्ष की तरफ सरकारी वकील ने अदालत में आसाराम का
मेडिकल रिपोर्ट पेश किया।
इस रिपोर्ट में आसाराम को पेडोफाइल नामक बीमारी से ग्रसित बताया गया है।
वहीं हाईकोर्ट ने राम जेठमलानी को फटकारा और कहा कि बिना किसी सबूत के
उन्हें लड़की के बारे में कुछ नहीं कहना चाहिए। मालूम हो कि यौन उत्पीड़न
के आरोप में आसाराम को 1 सितंबर को और उसके कुछ दिन बाद ही उनके सहयोगी
शिवा को गिरफ्तार किया गया था। वहीं आसाराम की सबसे अहम राजदार शिल्पी ने
पिछले सप्ताह अदालत में आत्मसमर्पण किया था। शिल्पी पर 16 साल की लड़की को
मनाई आश्रम भेजने का इंतजाम करने का आरोप है जहां आसाराम ने अगस्त में कथित
रूप से उसका यौन उत्पीड़न किया था।
