मुजफ्फरनगर: यूपी के मुज़फ्फरनगर के नई मंडी इलाके में बुधवार देर
शाम दूकान से घर लौट रहे एक सैलून चलाने वाले की बाइक सवार कुछ लोगों ने
गोली मारकर हत्या कर दी.
इलाके में
घटना के बाद से तनाव है और अलग से पुलिस फोर्स तैनात की गई है. हाल ही में
मुजफ्फरनगर में हुई हिंसा में 62 लोगों की मौत हुई और हजारों लोग बेघर हो
गए.
जस्टिस सिरियक जोसफ की अध्यक्षता
में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक टीम आज दंगा प्रभावित मुज़फ्फरनगर और
शामली का दौरा करेगी. ये टीम राज्य सरकार के राहत और पुनर्वास के कामों का
भी जायजा लेगी.
आजम को हाईकोर्ट का नोटिस
मुजफ्फऱनगर
दंगा केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के शहरी विकास मंत्री आजम खान को
नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. दंगों में लापरवाही बरतने के
आऱोप में निलंबित पुलिस वालों की अर्जी पर आजम के खिलाफ नोटिस जारी हुआ है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर जिले में उस थाने के प्रभारी के निलंबन पर रोक लगा दी है जहां से दो युवकों की हत्या के सात आरोपियों की रिहाई के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन आरोपियों की रिहाई के लिए कथित तौर पर दबाव बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान को नोटिस जारी किया.
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने फुगाना के थाना प्रभारी ओम वीर सिंह सिरोही के निलंबन पर रोग लगा दी और खान से कहा कि वह नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर अपना हलफनामा दायर करें. राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.
याचिकाकर्ता का कहना था कि दो युवकों की हत्या के मामले में बीते 28 अगस्त को सात आरोपियों को गिरफ्तार करके फुगाना थाने में लाया गया था, ‘लेकिन आजम खान के दबाव के कारण उन्हें तत्काल रिहा कर दिया गया.’
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुजफ्फरनगर जिले में उस थाने के प्रभारी के निलंबन पर रोक लगा दी है जहां से दो युवकों की हत्या के सात आरोपियों की रिहाई के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़की थी.
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इन आरोपियों की रिहाई के लिए कथित तौर पर दबाव बनाने के मामले में उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान को नोटिस जारी किया.
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल ने फुगाना के थाना प्रभारी ओम वीर सिंह सिरोही के निलंबन पर रोग लगा दी और खान से कहा कि वह नोटिस मिलने के 10 दिनों के भीतर अपना हलफनामा दायर करें. राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाब देने के लिए कहा गया है.
याचिकाकर्ता का कहना था कि दो युवकों की हत्या के मामले में बीते 28 अगस्त को सात आरोपियों को गिरफ्तार करके फुगाना थाने में लाया गया था, ‘लेकिन आजम खान के दबाव के कारण उन्हें तत्काल रिहा कर दिया गया.’

