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Thursday, October 10, 2013

दिल्ली की जनता भले ही इस चुनाव में भाजपा को पसंद कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को ज्यादा तरजीह दे रहे है। भाजपा को वोट देने वाले करीब 15 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो सीएम के रूप में केजरीवाल को पसंद कर रहें हैं। सर्वे

दिल्ली में त्रिशंकु विधानसभा:हमवतन और न्यूज एक्सप्रेस मीडिया एकेडमी का सर्वे

‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी के साथ मिलकर जब ‘हमवतन’ ने दिल्ली की जनता की नब्ज को टटोला, तो कुछ चौंकाने वाले जवाब सामने आए हैं। मसलन, पिछले 15 सालों से दिल्ली पर राज कर रहीं मुख्यमंत्री शीला दीक्षित मुकाबले में तो बनी हुई हैं, लेकिन उनकी लोकप्रियता में जबर्दस्त गिरावट आई है। इसी तरह सरकार विरोधी माहौल होने के बावजूद भाजपा बहुमत से काफी दूर है। दरअसल, कांग्रेस और भाजपा दोनों के खेल को बिगाड़ रही है आप। पहली बार किसी चुनाव में भाग ले रही आप को दिल्ली के 21 प्रतिशत से ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं।
70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु जनादेश की संभावना बनती दिख रही है। साप्ताहिक ‘हमवतन’ और ‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी द्वारा 20 सितंबर से चार अक्टूबर के बीच 7, 550 मतदाताओं के बीच कराए गए सर्वे से, जो रुझान सामने आ रहे हैं, वे त्रिशंकु विधानसभा की ओर इशारा कर रहे हैं। सर्वे के मुताबिक, दिल्ली में कांग्रेस को भारी झटका लग सकता है। सर्वे का दूसरा पहलू यह भी है कि भाजपा के तमाम दावों के विपरीत उसकी भी सरकार बनने की संभावना नहीं है। अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भाजपा के बढ़ते कदमों को रोक रही है। साथ ही कांंग्रेस के भी कई इलाके आप के कब्जे में जाते दिख रहे हैं। ग्रामीण, शहरी, इलाकों के युवाओं, बुजुर्गों और महिलाओं के बीच दरवाजे से दरवाजे किए गए सर्वे में कांग्रेस के पक्ष में 26 सीटें आती दिख रही हैं।
भाजपा को भी इतनी ही सीटें मिलने की संभावना है। जबकि आप को 12 सीटें और अन्य दलों के बीच छह सीटें जाती दिख रही हैं। कांग्रेस के पक्ष में 29.8 फीसदी जनता विश्वास जता रही है, जबकि भाजपा के पक्ष में 36.75 फीसदी जनता वोट डालने के मूड में है। अभी एक साल के भीतर आंदोलन के गर्भ से निकली केजरीवाल की पार्टी आप को 21.20 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं, जबकि 12.25 फीसदी लोग अभी अन्य दलों या निर्दलीय पर यकीन कर रहे हैं।
दिल्ली के लोगों का मिजाज बदल रहा है। लगता है शीला दीक्षित के शासन से लोग ऊब से गए हैं। दिल्ली में 15 सालों में जो विकास हुए हैं, उससे लोग गदगद तो हैं, लेकिन महंगाई और भ्रष्टाचार की वजह से दिल्ली की जनता अब शीला दीक्षित की जगह केजरीवाल को ज्यादा तरजीह दे रही है। केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में 35.35 फीसदी जनता पसंद कर रही है, जबकि शीला दीक्षित को अगले मुख्यमंत्री के लिए 29.4 फीसदी और विजय गोयल को मात्र 27 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं।
दिल्ली की जनता भले ही इस चुनाव में भाजपा को पसंद कर रही है, लेकिन मुख्यमंत्री के रूप में केजरीवाल को ज्यादा तरजीह दे रहे है। भाजपा को वोट देने वाले करीब 15 फीसदी ऐसे लोग हैं, जो सीएम के रूप में केजरीवाल को पसंद कर रहें हैं। इस सर्वे का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के बड़े नेता अब तक चुनाव जीतते रहे हैं, वहां उनके खिलाफ लोगों में ज्यादा गुस्सा है। करीब दर्जन भर कांग्रेस की सीटें ऐसी हैं, जहां बड़े स्तर पर उलटफेर की संभावना है। कांग्रेस के चार मंत्रियों की हार तय मानी जा रही है, क्योंकि उनके इलाके में कहीं भाजपा के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है, तो कहीं केजरीवाल के प्रति।
चौंकाने वाली बात यह है कि दिल्ली में भाजपा के प्रति जिन लोगों की रूचि बढ़ी है, उसके लिए मोदी फैक्टर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। आठ विधानसभा ऐसे पाए गए हैं, जहां केवल मोदी के नाम पर भाजपा की जीत होती दिख रही है।
हालांकि जनता क ा रुझान चुनाव होते-होते बदलते रहते हैं, लेकिन इस सर्वे से यह पता चलता है कि दिल्ली में जो 15 सालों में विकास हुए हैं, वह भ्रष्टाचार और महंगाई के नीचे दबते दिख रहे हैं। शीला आज भी लोगों की पसंद हैं और लोग मानते भी हैं कि दिल्ली में विकास हुए हैं, लेकिन महंगाई, बेकारी, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों ने कांग्रेस की जमीन को कमजोर किया है।
सर्वे में कुछ अलग-अलग पहलुओं पर भी लोगों की राय जानने की कोशिश की गई। कांग्रेस से अगले मुख्यमंत्री के रूप में कौन बेहतर साबित हो सकता है? इस सवाल के जवाब में जो लोगों की राय मिली है, उसमें कांगे्रस के भीतर शीला दीक्षित सबसे ऊपर हैं।
31 फीसदी लोग शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, सुभाष चोपड़ा को 11 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं। 22 फीसदी लोगों की पसंद मुख्यमंत्री के रूप में जयप्रकाश अग्रवाल हैं, तो 36 फीसदी लोगों ने किसी अन्य को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही है।
यही हाल भाजपा के भीतर भी है। हालांकि भाजपा ने अभी अपने मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल को प्रोजेक्ट करने की बात हो रही है, वह भाजपा के पक्ष में नहीं है। विजय गोयल को मुख्यमंत्री के रूप में 24 फीसदी लोग पसंद कर रहे हैं, जबकि 47 फीसदी लोग सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाह रहे हैं। भाजपा अगर सुषमा स्वराज के नजरिये से चुनाव को देखती है, तो भाजपा को और सीटें मिलने की संभावना बढ़ सकती है। 11 फीसदी लोग हर्षवर्धन को और 18 फीसदी लोग किसी अन्य को भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में पसंद कर रहे हैं।
दिल्ली के इस सर्वे में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार अन्य संभावित प्रधानमंत्री प्रत्याशियों में सबसे आगे निकलते दिख रहे हैं। दिल्ली की 52.7 फीसदी जनता मोदी को अगला प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में हैं, दूसरे नंबर पर राहुल गांधी हैं। उनके पक्ष में 28.15 फीसदी जनता खड़ी है। सोनिया गांधी प्रधानमंत्री बने, इसकी चाहत 6.25 फीसदी लोगों में है। दिल्ली के इस सर्वे में छह फीसदी लोग बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि लालकृष्ण आडवाणी के पक्ष में तीन फीसदी और मुलायम सिंह यादव और मायावती के पक्ष में दो-दो फीसदी लोग समर्थन में हैं।
सर्वे रिपोर्ट
‘हमवतन’ एवं ‘न्यूज एक्सप्रेस’ मीडिया एकेडमी द्वारा दिल्ली विधानसभा चुनाव पर सर्वे-2013
-सर्वे की अवधि ( 20 सितंबर से 04 अक्टूबर)
-कुल विधानस सीट- 70
-कुल जनमत संग्रह- 7550
पार्टी लोगों की राय (में) संभावित सीटें
कांग्रेस 29.8 – 26
भाजपा 36.75 – 26
आप 21.20 – 12
अन्य 12.25 – 6
- त्रिशंकु विधानसभा के आसार
- कांग्रेस को हानि, भाजपा की बढ़त पर झाडू का अडंÞगा
- किसी भी दल को बहुमत नहीं
भाजपा में सीएम के रूप में कौन है
जनता की पसंद (प्रतिशत में)
विजय गोयल – 24
हर्षवर्धन- 11
सुषमा स्वराज- 47
अन्य- 18
युवाओं की पसंद
मोदी – 58
राहुल – 42
महिलाओं की पसंद
राहुल – 62
मोदी- 48
कांग्रेस में सीएम के रूप में जनता की पसंद (प्रतिशत में)
शीला दीक्षित – 31
सुभाष चोपड़ा – 11
जयप्रकाश अग्रवाल- 22
अन्य – 36
देश का प्रधानमंत्री कौन बने? लोगों की राय (प्रतिशत में)
नरेंद्र मोदी- 52.7
राहुल गांधी- 28.15
सोनिया गांधी- 6.25
नीतीश कुमार- 6
लालकृष्ण आडवाणी- 3
मुलायम सिंह यादव- 2
मायावती – 2
दिल्ली का मुख्यमंत्री कौन बने, इस पर जनता की राय (प्रतिशत में)
केजरीवाल – 35.35
शीला दीक्षित – 29.4
विजय गोयल – 27.05
पार्टियों के बारे में लोगों की राय
प्रश्न 05 – सबसे भ्रष्ट पार्टी लोगों की नजर में
कांग्रेस भाजपा सभी पार्टियों
48 41 11
प्रश्न 07 – दिल्ली की प्रमुख समस्या लोगों की नजर में
भ्रष्टाचार बेरोजगारी पानी/बिजली महिलाओं से छेड़छाड़
48 28 17 7
प्रश्न 08 – क्या अपराधियों को टिकट मिलना चाहिए?
नहीं हां नहीं पता
87 3 10
प्रश्न 10 – दिल्लीवासियों की नजर में देश की समस्या
भ्रष्टाचार आतंकवाद बेरोजगारी महंगाई
41 20 33 14
प्रश्न 11 -लोगों की नजर में राजनीति कैसी हो?
सेक्युलर धार्मिक विकास
83 11 6
प्रश्न- 12 -किस आधार पर वोट देंगे
पार्टी के नाम पर उम्मीदवार के नाम पर
78 22
प्रश्न -13-विकास के बारे में दिल्ली की जनता की राय
विकास हुआ है विकास नहीं हुआ नहीं जानते
73 18 9
प्रश्न -14 क्या शीला दीक्षित को हटना चाहिए?
हां नहीं नहीं जानते
46 49 5
प्रश्न – 16 क्या आप अपने विधायक से खुश हैं?
हां नहीं पता नहीं
34 57 9
प्रश्न- 19 दिल्ली पुलिस का कार्य कैसा है?
अच्छा बेकार मालूम नहीं
33 52 15
प्रश्न – 20 देश के दूसरे इलाके में हाल में हुए दंगे जनता की नजर में
राजनीतिक सांप्रदायिक नहीं जानते
73 22 5

 

Arvind Kejriwal's speech at St Stephen's College


Arvind Kejriwal's Latest speech at St Stephen's College

Tuesday, October 8, 2013

Google survey: 40% of India's urban voters undecided, Narendra Modi most searched

New Delhi: Over 40 per cent urban Indian voters are undecided on the political party of their choice, a survey by Google India has revealed, months ahead of elections due by May. (Google survey: urban Indian voters and the internet)

The survey also reveals that Narendra Modi has emerged as the politician most searched on the Internet in the past six months. (Here are India's 10 most-searched politicians)

The BJP's Prime Ministerial candidate is followed by Rahul Gandhi, Sonia Gandhi, Manmohan Singh and anti-corruption campaigner, Arvind Kejriwal, who debuts in the November Delhi assembly polls.

Uttar Pradesh Chief Minister Akhilesh Yadav is the sixth most searched politician in India.

Mr Modi's BJP also tops the list of most searched political parties. The Congress, Mr Kejriwal's Aam Aadmi Party, Mayawati's Bahujan Samaj Party and Shiv Sena are the others most searched.

Search volumes reveal that four of the top 10 politicians are from Congress, while two belong to the BJP.

The survey not only found 42% of the voters undecided, but revealed that most voters believe the local candidate is as important as the political party, in deciding who to vote for. Only 11 per cent said the Prime Ministerial candidate of a political party will play an important role in their voting decision.

Google India's survey, which studies the role of Internet in the upcoming polls, covers over 7,000 internet users in 108 constituencies; it represents 20% of the 543 Lok Sabha constituencies across India.

Urban India is asking for more information on the local candidate on the Net, revealed the survey, to help them decide. Half of the undecided voters feel information on Internet is not enough.

Internet presence, felt the respondents, shows politicians as progressive and transparent leaders.

Two-thirds of the registered voters don't share their political views online, a fallout of the recent crackdown on social media posts.

Monday, October 7, 2013

Candidates of delhi election, दिल्ली के दावेदार


दिल्ली के लोग क्या केवल भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही वोट करेंगे... अरविंद केजरीवाल के साथ चर्चा कर रहे हैं रवीश कुमार इस बार के हम लोग में।

Sunday, October 6, 2013

Battlelines drawn for Delhi elections; three big players take on each other

New Delhi: Battlelines have been drawn for the Delhi assembly polls. The three big players for the chief ministers' job today took on each other, just a day after the poll dates were announced.

Arvind Kejriwal, whose Aam Aadmi Party or AAP is making its political debut in these elections, turning up the heat on the Congress and the BJP, vowed to hold a special Assembly session at Ramlila ground on December 29 to adopt the Lokpal Bill, after forming the government.

"Election dates have been announced and by December 15 we will form the government and on December 29 a special session (of the assembly) would be called at Ramlila ground, where Anna Hazare was on 11-day long fast unto death for Jan Lokpal Bill, and the Bill would be adopted there," Mr Kejriwal claimed in a press conference.

Minutes after that, Sheila Dikshit, who is seeking a fourth term as chief minister, dismissed allegations of corruption against her government.

"People are aware of the changing face of Delhi. We have changed the face of Delhi... The opposition always cries corruption in our government. I want to ask them where is corruption? Give us evidence of corruption," she said.

The BJP, which has lost the last three state elections, hit back quickly.

"Sheila Dikshit has claimed that there is no proof of corruption against her. The biggest proof has been provided by Lokayukta. Shunglu committee, CAG, PAC have all found her guilty," said Vijay Goel, BJP President, Delhi.

Delhi will vote for its 70 assembly seats on December 4. Both the BJP and the Congress are yet to officially announce candidates for the 70 assembly seats or their CM nominees, however, they insist that the real battle will be between them.

"What we announced earlier, the smaller parties are saying now... We have said that Lokpal Bill will be brought by us... The government has done nothing on this," said Vijay Goel, BJP President, Delhi.

Congress' Shakeel Ahmed, downplaying AAP, said "We see the BJP and AAP as one party."

"It is strange that both the Congress and the BJP, instead of attacking each other, are attacking us... We are leading," Mr Kejriwal replied.

The battle for Delhi has started, and while both the Congress and BJP try and downplay AAP, the fact is that for the first time Delhiites will have a triangular contest.